लक्ष्मी की कृपा चाहिए तो खूब भाव से लक्ष्मी की
पूजा करें | लक्ष्मी के पूजा के लिए कई निश्चित दिन निर्धारित हैं किन्तु कोई आवश्यक
नहीं की आप निश्चित दिन हीं उनकी पूजा करें | बल्कि लक्ष्मी की पूजा आप अपने नित्य
दैनिक कर्मों के प्रारम्भ में कर सकते हैं | आप चाहे जिस किसी भी देवी देवता के
उपासक हों आप अपने नित्य दैन्दिनी में रोज दो मिनट लक्ष्मी को अवश्य याद करें , कि
वे अपनी कृपा आप पर करें |
मैं
प्रारम्भ में दार्शनिक ख्याल वाले विचार
रखता था | मुझे लगता था धन को महत्व देना पागलपन है किन्तु सत्य यह है की वगैर धन
के आपका एक समय का भोजन भी नहीं चल सकता | यह बोध होने पर मैं लक्ष्मी को थोडा
बहुत महत्व देने लगा | सभी को अपने सत्कर्मों को करते हुए नित्य लक्ष्मी का ध्यान
करना हीं चाहिए |
यह
धारणा है कि माँ लक्ष्मी की कृपा पापियों उल्लुओं ( मूर्खों ) पर विशेष होती है यह
सत्य नहीं है | यह मात्र अपने आप को भुलावा देने का विचार है और कुछ नहीं |
लक्ष्मी की कृपा पुण्यात्माओं पर हीं होती है | अब मुझे मालूम है आप सैकड़ों
पापियों के उदाहरण मेरे सामने रख देंगे | किन्तु ध्यान रहे पापी और पुण्यात्मा के
निर्णय की धारणा आपकी है इश्वर की नहीं |
कुछ
लोगों का मत है कठोर परिश्रम हीं लक्ष्मी को आकर्षित कर सकती है किन्तु कई कठोर
परिश्रमी फांके में दिन गुजारते देखे गये हैं | लक्ष्मी की कृपा उसी पर होगी जो
लक्ष्मी को महत्व देगा ये मेरा अनुभव है |
लक्ष्मी
को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में हादी विद्या तथा कादी विद्या का वर्णन है
जिस पर मैं फिर कभी चर्चा करूँगा |
माँ
लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु एक साधारण विधान है आप अपने नित्य के पूजा के क्रम में हीं माँ लक्ष्मी को याद करें |
आप जहाँ अपना धन रखते हैं उस धन को नित्य देखें अगरबती या धूप नित्य उस धन को दिखाएँ और माँ
लक्ष्मी से प्रार्थना करें कि वो आप पर कृपा करें |माँ लक्ष्मी को प्रार्थना करें
की “ हे माँ लक्ष्मी आप मुझ पर विशेष कृपा करें जितना धन अभी मेरे पास है उसमे दिन
दोगुनी रात चौगुनी वृद्धि हो | हे माँ आप मुझ पर नित्य कृपा करें |
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