पांच कंकड़ों
से अग्नि शांत
हो गयी !
19 63 माघ मेले
की बात है
। श्री बाबा का
मंच यथा स्थान
झूसी की ओर था
।
श्री
शिवदानी सिंह ( बाबा के
मंच के करीब
व्यवस्था देखने वाले संतरी
) मंच के निकट
थे ।
अचानक
मेले में एक
ओर आग लग
गयी । शिवदानी
सिंह ने हाथ
जोड़ कर बाबा
से प्रार्थना की
- ' महराज प्रलय होने जा
रहा है ।
यदि
अग्नि शांत नहीं
हुई तो सारा
मेला स्वाहा हो
जाएगा ।'
आग
देख कर बाबा
ने पांच कंकड़
जल्दी मंगवाया और
आदेश दिया कि संकेत
मिलने पर एक
एक कर फेंका
जाए ।
श्री
बाबा मंत्र पढ़
कर संकेत करते
गए और शिवदानी
सिंह प्रत्येक संकेत
पर कंकड़ फेकते
गए ।
अग्नि
जहाँ थी वहीँ
की वहीँ शांत
हो गयी ।
सिद्ध
संतों का पांचो
तत्वों पर वश
होता है ।
तो बोलिए और
लिखिए देवरहा बाबा
की जय !
- साभार ब्रजकिशोर जी के पुस्तक से प्राप्त
- साभार ब्रजकिशोर जी के पुस्तक से प्राप्त
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