सोमवार, 8 जून 2015

देवरहा बाबा के चमत्कार - 6

राखो लाज हमारी !
श्री बनारस सिंह पूज्य बाबा के निष्ठावान शिष्यों में से एक हैं एक सत्र न्यायधीश उनके साथ बाबा के  दर्शनों में चले रास्ते में उन्होंने कहा -' बनारस बाबू।  आप तो पुराने शिष्य हैं क्या जाते जाते दर्शन हो जाएगा ? '
- " भावना बड़ी चीज है स्नेह और श्रधा की उत्कटता से हीं मिलन होता है देखिए "
मन हीं  मन उन्होंने प्रार्थना की " राखो लाज हमारी   "  बहुत भीड़ थी मालूम कहाँ कहाँ से लोग अपनी कामनाओं की पूर्ति तथा   दर्शनों के पुण्यलाभ के  लिए आये हुए थे पहले से हीं भक्तों की जमात जुटी हुई थी बड़े पदाधिकारी थे , हाईकोर्ट के जज भी  थे क्या बाबा पहले बुलाएंगे ? मन ने पुकारा ' राखो लाज हमारी   '
सभी खड़े थे बाबा कुटीर से निकले खुले मंच पर आते हीं जय  ध्वनि हुई - " देवरहा बाबा की जय "   बाबा ने सब पर दृष्टि दौड़ाई कुछ क्षणों में आदेश हुआ -" भक्त बनारस ! अपने साथियों के साथ आगे जाओ !"
प्रभु  श्री ने भक्त की  लाज रख ली जाते हीं बुला लिया
इसीलिए तो सभी अंतर्यामी कहते हैं उन्हें

आज  भी बाबा को सच्चे दिल से पुकारो तो बाबा सहायक होते हैं

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