मंगलवार, 2 जून 2015

देवरहा बाबा के चमत्कार 3

कौन हवा चले !
पूज्य बाबा प्रयाग में गंगा तट  पर मंचासीन थे | मंच के निचे श्री शिवदानी सिंह संतरी का काम कर रहे थे | पछेया ( पश्चिम के तरफ से बहने वाली हवा ) चल रही थी | हवा के झोंके  के साथ बड़ी तेज़ दुर्गन्ध आ रही थी | दर्शनार्थियों का आना प्रारम्भ नहीं हुआ था | बाबा मंच पर बनी कुटिया के अंदर थे | उसी समय एक दर्शनार्थी आ धमके | शिवदानी सिंह ने उनसे आग्रह किया –‘ महराज जी के बाहर निकलने का समय अभी नहीं हुआ है दर्शन को दो घंटे बाद  आइये |’

-    ‘ मैं तो  भैया दर्शन कर के हीं जाऊँगा |’ आगन्तुक ने जाने से इंकार कर दिया | शिवदानी सिंह झुझलाने  वाले हीं थे कि बाबा का स्नेहिल स्वर सुनाई दिया – ‘ बच्चा भक्त को बोलो कि मैं दर्शन देता हूँ | ’
‘ अभी आपके बाहर निकलने लायक वातावरण नहीं है | बड़ी तेज़ दुर्गन्ध आती है | ’ शिवदानी सिंह ने श्री बाबा से प्रार्थना की |
लेकिन बाबा झोपडी से निकल आए और भक्त को दर्शन तथा प्रशाद  दे कर छुट्टी की | इसके तुरंत बाद वे पुन : अपनी कुटिया में चले गये | उन्होंने भीतर से हीं पूछा – “ बच्चा दुर्गन्ध किस चीज की है | ”
-    “ मुर्दों की है महराज ! ” शिवदानी सिंह ने कहा |
-    “ कौन सी हवा चले कि दुर्गन्ध इधर नहीं आवे ? ” बाबा ने पूछा |
-    “पछेया हवा चल रही है | यदि पुरवैया ( पूरब की ओर से आने वाली हवा ) चले तो दुर्गन्ध विपरीत दिशा में चली जायेगी |”
-    “ ठीक है बच्चा ” बाबा ने कहा |
अब दो मिनट के अंदर हीं पछेया का चलना रुक गया और पुरवैया लहराने लगी | सर्वसमर्थ योगिराज देवराहा बाबा अपने भक्तों की आँखें खोलने के लिए कोई न कोई खेल किया करते थे |

तो बोलिए और टिप्पणी में लिखिए देवराहा बाबा की जय !

-     साभार ब्रजकिशोर जी के पुस्तक से यह लेख प्राप्त हुआ |   

4 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

देवराहा बाबा की जय !

Unknown ने कहा…

देवराहा बाबा की जय !

vandna ने कहा…

Yeh kaun hai? Never heard about him. Just read on your blog. Nice

SATYENDRA ने कहा…

ये तस्वीरें देवराहा बाबा की हैं । इन पर एक विस्तृत लेख प्रस्तुत करूँगा आप ब्लॉग पर बने रहें । ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद ।