बुधवार, 22 जुलाई 2015

देवरहा बाबा के चमत्कार 9

फाइल को पंख लग गए !


बिहार विद्युत् बोर्ड के उपनिदेशक के पद पर काम करने वाले शर्मा जी के एक मित्र थे | वे सिविल सर्विस में थे | उनकी प्रोन्नति का मामला विचाराधीन था | गाडी अटकी थी कुछ बिन्दुओं पर जांच थी | अकारण विलम्ब हो जाने की परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती थी | वे बड़े चिंतित थे | वे बाबा के दर्शनों में उपस्थित हुए |
बाबा ने कहा – “ चिंता मत कर भक्त ! तू तरक्की चाहता है , और बड़ा हाकिम बनना चाहता है |”
-    “हाँ बाबा मेरी प्रोन्नति की फाइल दो वर्षों में जहाँ की तहां पड़ी है |”
-    “और तुम्हारे मातहत तुमसे आगे निकल गये |” - बाबा ने कहा
-    “हाँ बाबा इसी में मिजाज खिन्न रहता है |”
-    “ इन छोटी चीजों की चिंता व्यर्थ है | मन क्यों छोटा करता है | बड़ी चीज की चिंता कर | यों , जाओ तुम्हारी तरक्की होगी | शीघ्र हीं तुम बड़ा हाकिम बन जायेगा और अपने मातहत में शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा |”
और जो फाइल दब दब जाती थी , वह तेजी से दोड़ने लगी | पंख लग गये उसे | एक पखवारे के भितर हीं अपने अपने आप हीं सरकने नहीं दोड़ने लगी | प्रोन्नति की चिट्ठी पा कर उस अधिकारी को भी आश्चर्य हुआ | बाबा ने बिना कहे हीं उसकी विपत्तियों का अनुमान कर आशीर्वाद दिया जो इतना जल्द फलीभूत हुआ |
संत और ईश्वर की कृपा हो तो कुछ भी हो सकता है |
देवरहा बाबा के चरणों में नमन _/\_
प्रो ० ब्रजकिशोर जी के पुस्तक से साभार प्राप्त 



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