बाबा के लिए सब कुछ संभव है !
बाबा
बनारस में थे | दिल्ली से डा० सरजू प्रसाद
दर्शनार्थ आये | इनके मित्र प्रसिद्ध साहियात्कर श्री इंद्र नारायण गुर्टू हृदय
रोग से पीड़ित थे | वे विलिंगडन अस्पताल में थे | हालत बिलकुल खराब थी | कंठ
अवरुद्ध हो गया था | उनके लिए प्रसाद देने की प्रार्थना श्री सरजू बाबू ने
की | बाबा ने दो संतरे दिए और कहा – “ जाते हीं इनका रस उन्हें पिला दो , वे अच्छे
हो जायेंगे | ”
लौटने
पर डा० प्रसाद सीधे अस्पताल गये | रात के आठ बजे होंगे | संतरों का रस निचोड़ कर
श्री गुर्टू को पिला दिया गया | उसी रात चार बजे प्रात: श्री गुर्टू अपने बिछावन
पर उठ बैठे और जोरों से “ सीताराम सीताराम ”
का कीर्तन करने लगे | उनकी आवाज़ खुल गयी न जाने
उनमे कहाँ से इतनी शक्ति आ गयी कि वे स्वयं उठ कर बैठ गये |
डा०
निराश हो चुके थे श्री गुर्टू का बचना मुश्किल था | सभी को आश्चर्य हो रहा था –
रात भर में ऐसा कौन सा चमत्कार हो गया कि उनमे आशातीत सुधार हो गया | जब डाक्टरों
को ज्ञात हुआ श्री गुर्टू जी को रात में पूज्य श्री देवरहा बाबा जी का प्रसाद दिया गया और उन्हीं की कृपा से ऐसा
हुआ है तो वे कहने लगे – “ हाँ ,हाँ भाई ! देवरहा बाबा महान योगी एवं संत हैं | वे
सर्वशक्तिमान हैं कुछ भी कर सकते हैं | बाबा के लिए सब कुछ संभव है | उनकी कृपा से
हीं ऐसा संभव है |
देवरहा
बाबा के चरणों में सादर प्रणाम _/\_
प्रो ० ब्रजकिशोर जी के पुस्तक
से साभार प्राप्त
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें